Thursday, June 9, 2011

कांग्रेस द्वारा हिन्दुओ को आतंकवादी बनाने की साजिश !!!



४ जून २०११ की वो काली रात.

जो लोग इस रात को घटित बातो को हलके में ले रहे है!
या जो इस रात बाबा श्री राम देव के साथ हुए अत्याचार को महज एक पुलिस की कार्यवाही मान रहे है. जो लोग इसे प्रशासन की कवायद मात्र मान रहे है. जो लोग इसे टीवी चैनलों की टी. आर. पी. का खेल मान रहे है. और यहाँ तक की हिन्दू समाज के लोग मात्र इस घटना को संत समाज पर हमला मान रहे है वो बहुत ही बड़ी गलतफैमी का शिकार है. गलतफैमी का शिकार तो बीजेपी और आर एस एस भी हो गया है. यह घटना जिसको की कांग्रेस करवाना चाहती थी यदि वो हो जाती तो  आने वाले कम से कम दो दशक तक हिन्दुओ को भारत में नपुंसक बना कर रख देने के लिए काफी थी. न तो हिन्दू संत समाज और न ही हिन्दू संघटनो को ही पता की भारत में हिन्दुओ के खिलाफ क्या साजिश चल रही है. क्या आपने कभी सोचा है की राजीनीति का परभक्षी दिग्भर्मित सिंह कांग्रेस का महासचिव किन इनपुट्स के आधार पर मुसलमानों के मंच से बाबा श्री राम देव को गालियाँ दे रहा है. क्या कभी सोचने की कौशिश की है की जो सोनिया गाँधी मुसलमानों और इसाइओ को अपनी जेब में रखने के बाद हिन्दुओ के एक तबके को अपना मुखोटा बनाने के लिए कुछ समय से कौशिश कर रही है. इन सब चालो को समझने के लिए आपको दिग्भर्मित सिंह की चालो को समझना होगा. वैसे तो कोई बड़ी रोकेट सांईस है भी नहीं, नीतिया वोही है जिसके बलबूते पर इसने मध्ये प्रदेश पर १० सा; शासन किया था. सोनिया गाँधी को "कुछ" एक हिन्दू संतो के आगे माथा टिकवाना, उसके साथ फोटो खिंचवाना, उमा भारती के गंगा बचाओ आन्दोलन को सोनिया गाँधी का समर्थन भी इसी षड्यंत्र का हिस्सा है. उमा जी प्रखर हिंदूवादी और राष्ट्रवादी है उनकी वफादारी पर शक नहीं किया जा सकता परन्तु उनको भी सोनिया गाँधी मोहरा बना ने से नहीं चुकती जिस प्रकार बाबा राम देव को भी बनाने की कौशिश हुई परन्तु सफलता नहीं मिली. बस एक बार कुछ एक फोटो खिंचवाए जैसे की प्रयाग में कुम्भ के मैले में डुबकी लगा कर किया था जिसका आज तक हिन्दू समाज सजा पा रहा है. क्यूंकि इस प्रकार से उसे हिन्दू धर्म और समाज को नेस्तनाबूद करने का सर्टिफिकट मिल जो जाता है.   
परन्तु मित्रो प्रशन बहुत ही बड़ा है जिसको आज समझना होगा. असल में ४ जून की रात को कांग्रेस की साम्प्रदायिक केंद्र सरकार ने हिन्दू समाज के साथ वो साजिश करने की कौशिश की यदि वो सफल होजाती तो आज हम सिर्फ सवालों के ही जवाब देते रहे जाते. जरा घटनाक्रम पर गौर करे. कांग्रेस की चतुर वार्ताकार मंत्रियो की टोली से सायं ४ जून को बाबा राम देव को फर्जी, फरेबी घोषित करने के लिए इस संत की चिट्टी को सार्वजानिक कर दिया. बार बार कोंग्रेसी चैनल और पत्रकार इसी बात पर फोकस करने लगे की बाबा डील कर रहे थे सरकार से. डील होगई डील होगई, बाबा फरेबी है, अनशन फिक्स था और न जाने पता नहीं क्या क्या . बाबा ने अपने साधको और समर्थको को धोखा दिया है. और इस एक बात को कांग्रेस के पैसे पर पलने वाले उन असंख्य पत्रकारों ने केच कर लिए और जनता को बाबा के बारे में कांग्रेस प्रायोजित स्टोरी को गले उतरवाने लगे. कोंग्रेस इस में सफल होती भी दिख रही थी. परन्तु ७ बजे बाबा ने इस पुरे षड्यंत्र को भाप लिए. और बार बार शांति की अपील करने लग गए. अपने साधको को शांति से अनशन करने के लिए प्रेरति करने लगे. हर सूरत में शांत वातावरण बनाये जाने पर जोर देने लग गए. कांग्रेस की स्टोरी (षड्यंत्र) की काट करने लगे जिसमे उन का मीडिया से इस पर काफी संवाद हुआ. बाबा धीरे धीरे इस पूरी साजिश की जड़ पर आगये जब उन्होंने सोनिया गाँधी पर इशारा किया. इस पर सारी कांग्रेस और सरकार के होश उड़ गए. क्यूंकि यदि बाबा राम देव २५ टीवी चैनलों के सामने सोनिया गाँधी की धज्जिय उड़ा देते तब तो  फिर कांग्रेस को २४ घंटे में अपनी बोरिया बिस्तर उठाना पड़ जाता इस देश से . कांग्रेस इस पर एक पल भी नहीं गवाना चाहती थी. क्यूंकि वो ही बाते तो डॉ. सुब्रमनियम साहभ बहुत सालो से कह ही रहे थे, परन्तु लोग पता नहीं क्यूँ प्रमाणिक नहीं मान रहे थे. फिर डॉ. सहभ को मुख्य धारा की मीडिया भी इन बातो को कहेने नहीं दे रही थी. तो श्री बाबा राम देव के श्रीमुख से दिल्ली के रामलीला मैदान पर १ लाख लोगो और दुनिया भर की मीडिया के सामने यदि सोनिया गाँधी के काले धन की  बाते बोल दी जाती तो आज कोंग्रेस के चेहरे पर कालिख पुत गई होती, आरोप दर आरोप जवाब देने पड़ जाते. १० जनपथ सवालों के ऐसे घेरे में आ जाता की किसी का बाप भी उसे न बचा पता. सोनिया और उसका परिवार अपना टीन टप्पर उठाकर अभी तक इटली दूतावास में शरण ले रहा होता. कांग्रेस ने इस सब से बचने के लिए आधी रात को बाबा राम देव पर अत्याचार कर उनको भगाने और अनशन को ख़त्म करने का प्लान (बी) तुरंत लागु किया. क्यूंकि अब जो होगा कम से कम उस से तो बुरा नहीं होगा जो बाबा राम देव को ५ जून तक बोलने और श्री मति सोनिया गाँधी और उसके परिवार पर एक एक आरोप लगने पर होता. आप अंदाजा लगाये जो सोनिया गाँधी अपने नाम को एक बार भी किसी विरोधी के जबान पर नहीं आने देती उसके कांग्रेसी चम्पू भी सोनिया गाँधी के नाम आने पर बोलते है की  "उनका नाम न ले"पिछले सात साल में किया असंख्य पापो पर एक बार भी सफाई नहीं देती, इतना ही नहीं विपक्ष की राजनीति के पुरोधा श्री लाल कृष्ण अडवाणी भी अपनी ही टास्क फ़ोर्स की काले धन की रिपोर्ट पर सोनिया गाँधी के नाम आने पर उनको लिखित में माफ़ी मांग लेते है. सोनिया गाँधी के शातिर दिमाग और चालबाज नेताओ और मंत्रियो ने रणनीति यह बनी की हिन्दुस्थान को रातो रात पाकिस्तान बना दिया जाये. जब १ लाख लोग पर रात को हमला होगा, तो बाबा रामदेव को या तो गायब करवा दिया जाये, या उधर ही मरवा दिया जाये, बाकि जैसे ६ दिसंबर को हुआ थाकार्यकर्ताओ को किसी का आदेश नहीं मिला तो आक्रोश में वो जो भी करते गए आज तक बीजेपी और आर एस एस को इसका राजनितिक रूप से खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. जब दिल्ली की सडको पर आम हिन्दू अपना आक्रोश प्रकट करेगा तो देश विदेश की मीडिया में हिन्दू बदनाम होगा. इस आन्दोलन से उपजे आक्रोश की आड़ लेकर न केवल बाबा रामदेव को बल्कि आर एस एस और सभी हिन्दू संघटन को तुरंत बेन कर दिया जाता. अभी सोनिया गाँधी की सलाहकार परिषद् दवारा साम्रदायिक बिल को लागु करवा दिया जाता. कोई भी मीडिया या संघठन इसके विरुद्ध में एक शब्द भी नहीं बोलता. उस ४ जून की रात को सोनिया गाँधी ने जब हिन्दू समाज के  आक्रोश का रुख १० जनपथ की ओर होते देखा. तभी कांग्रेस की सरकार ने तुरंत इस बिल को क्रियान्वन करने का प्लान बना लिया था. अन्यथा कोई और बात नहीं थी आधी रात को निहत्य सोये हुए हिन्दू समाज पर पुलिस का हमला करवाने का. 
मैं ह्रदये से श्री राम देव जी को कोटि कोटि प्रणाम और अभिनन्दन करता हूँ की उसे पुरे हिन्दू समाज को आतंकवादी घोषित होने से बचा लिया. याद रखना मित्रो कांग्रेस सरकार की हर दम हर पल हिन्दुओ को इस्लामिक अतंकवादियो के बराबर खड़ा करने का ही प्रयास रहेता है. याद करो पुलिस ने उस रात सबसे पहेले साउंड सिस्टम को तोडा था जिस से बाबा राम देव अपने समर्थको को कोई सही आदेश न दे सके और इस आदेश के आभाव में समर्थक बदहवास होकर दिल्ली के सडको पर तोड़फोड़ करे. और फिर सरकार को हिन्दू समाज, आर एस एस और स्वामी राम देव को क्रूरता से कुचलने का अवसर मिलजाए. जैसे की ६ दिसंबर १९९२ में कांग्रेस सरकार ने आर एस एस और उसके सभी सहयोगी संघटनो पर प्रतिबंद लगा दिया था. बीजेपी की पञ्च राज्यों में सरकार बर्खास्त कर दी थी. वो ही मंजर उस रात के बाद होता यदि बाबा राम देव एक बहुत ही नियोजित और पूर्ण प्रबंधक अयौजन न करते, उनको इन सब बातो का अंदेशा था उन्होंने भी इसके लिए अपने सहयोगियो को तैयार कर रखा था, बाबा की शांति की बार बार अपील और उनके प्रबंधन ने हिन्दू समाज को उस रात सरकार के हिन्दू समाज को "आतंकवादी" के ठपे से न केवल बचाया परन्तु हिन्दू समाज और धर्म की कीर्ति को चार चाँद लगाये. इसके लिए बाबा का योगदान हिन्दू समाज और धर्म कोटि कोटि वर्षो तक याद रखेगा. आर एस एस और बीजेपी को इस बात को बड़े गौर से सोचना और समझना पड़ेगा की इतने बड़े आन्दोलन को संचालित किया कैसे जाता है? सरकारी षड्यंत्रों से कैसे बचाया जाता है? आज मुझे आर एस एस और बीजेपी को यह बताने की आवश्यकता नहीं की कभी कभी लम्हों की खता सदिया कैसे पाती है? आर एस एस का जोश और उसकी वीरता को मीडिया और कोंग्रेस बड़ी चालाकी से "आतंकवाद" बना कर पेश करती है. आर एस एस और बजरंग दल के कुछ जोशीले और भोले मित्रो ने पुरे के पुरे सांस्कृतिक आन्दोलन को बहुत ही बड़ा धक्का पुह्चाया है. यदि बाबा राम देव उस रात कोई भी एक बात जोश में कह देते तो कांग्रेस एक मिनट भी न लगाती १ लाख लोगो की लाशे बिछाने में और हिन्दू समाज को बदनाम करने में. आज इन बातो पर हंसा जा सकता है परन्तु जो लोग जानते है की बाबरी का ढांचा ढाह कर भी कुछ नहीं मिला आज भी राम लल्ला टेंट में ही विराजमान है उन लोगो को बड़े अच्छे से मालूम हो सकता है की कांग्रेस के युवराज की (यदि हिन्दुओ पर कांग्रेस को प्रहार करने का मोका मिल जाता तो) उसकी ताजपोशी कितने शान से होती. और यह कांग्रेस और इसका महासचिव गर्व से तथाकथित "संघी आतंकवाद" कुचलने का श्रये ऐसे ही लेता जैसे महात्मा गाँधी के झूटे केस में श्री नाथूराम को फंसा कर. २ दशक तक हिन्दू धर्म और समाज को "बधिया" बना कर दिया था और फिर एश से तीन दशक तक निर्बाध रूप से आराम से देश की सत्ता में अट्टहास लगाये शासन किया. 
हमने हमेश आर एस एस से अनुरोध किया की हर हाल में सत्ता प्राप्त की जाये परन्तु कुछ भी ऐसा करने से बचा जाये जिस से यह मात्रभूमि, देशभक्त संघटन कांग्रेसी और विदेशी षड्यंत्रों में न फंसा सके. आर एस एस एक ऐसा संघठन है आज के युग में हिन्दुओ के लिए जैसे युग शुरू होने से पहेले मनु महाराज ने एक नोका में मानव बीज सुरक्षित रखा था, आज हिन्दू समाज को आर एस एस ही संजो कर रखे हुए है अन्यथा सोनिया गाँधी जैसे लोग इसको इसाई भूमि और दिग्भर्मित जैसे लोग इसी दारुल इस्लाम बनाने का कोई मोका नहीं छोडना चाहते है. 

देश का सौभाग्य है की देश को स्वामी विवेकानंद के बाद भगवान् परशुराम की तरह आज के युग में बाबा राम देव जैसे ऋषि मिला है. भारत माता इस सपूत को जन्म देकर धन्य होगई है. 

मेरी आत्मा कांप जाती है यह सोच कर की यदि उस पुलिस अत्याचार में कोई भी हिन्दू दिल्ली की सडको पर आक्रोश में तोड़फोड़ कर देता और कांग्रेस की असुरी सरकार सोनिया का प्रिये साम्प्रदायिक बिल लागु करने का कार्यकर्म चला लिया जाता तो क्या होता. देश के बंटवारे का यह बिल लागु करने की भूमिका बन जाती तो क्या होता.

हिन्दू को अपनी भूमि पर राज कैसे किया जाये इसी बात पर नित विचार करना चाहिए परन्तु तब तक इस असुरी कांग्रेस के षड्यंत्र से अपने को बचाए रखना होगा. अन्यथा १९९० के दशक का बिखरा हिन्दू समाज आज तक भी एक नहीं हो पाया, हमे अपने को बंटने और षड्यंत्रों के शिकार होने से बचाना होगा ताकि हम देश पर भगवा फेहेरा सके और मानव बीज को भारत की भूमि पर सुरक्षित रख सके. 

आज जिस निर्भीकता से कांग्रेस महासचिव दिग्भर्मित सिंह जी हिन्दुओ को, संघ को, बाबा राम देव को गाली दे रहे है, उसको जरुर समझना होगा की क्या कारण है उसकी दबंगता के? खैर हमे भी उसकी केलकुलेशन का पता है, उसका निश्चित रूप से दो बाते मानना है एक की हिन्दू उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकता, यदि बिगड़ेगा तो हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित किया जा सकता है, हिन्दू कुतर्कों से उसका मुकाबला कर नहीं सकता, क्यूंकि हिन्दुओ संघटनो और संघ के पास एक भी वियक्ति नहीं जो लल्लू यादव और दिग्भर्मित सिंह के बेतुके और बेव्कुफाने भरे कुतर्कों का उत्तर दे, तो मित्रो इस बात के लिए ज्यादा दिमाग मत खर्चो सिर्फ ध्यान दो "शठे शाठ्यम समाचरेत्" दूसरा वो समझता है उप्र के चुनावो के रणनीति यह है की मुस्लिम वोट को एक मुश्त कांग्रेस के खाते में कर लो और हिन्दुओ के वोट जाति के आधार पर बाँट कर ले लो. भाई मुस्लिमो के सामने हिन्दुओ को गाली देते तो वो वोट वो दे ही देंगे और हिन्दुओ को बांटते रहो. खैर देखना है की यह रणनीति दिग्भर्मित सिंह की कितनी काम करती है. हिन्दू समाज मान ले की उप्र विधान सभा चुनाव हिन्दुओ के लिए एसिड  टेस्ट है.

वैसे भी मैं  ४ जून से पहेले यह ही सोचता था की यह कांग्रेस का राज तो मुझे २०१४ में भी जाते नहीं दीखता, परन्तु जो गलती बीजेपी ने की वो ही गलती ४ जून को कांग्रेस ने की.बीजेपी को आज तक भी मालूम नहीं को वो दो बार से सत्ता में क्यूँ नहीं आ पा रही है, पिछले दो चुनावो से क्यूँ हार रही है? शायद बीजेपी को भी मार्किटिंग का फंडामेंटल फंडा नहीं पता है की कोई भी कंपनी अपने कोर प्रोडक्ट से कोम्प्रोमाइस नहीं करती यदि वो डाईवर्सिफई भी करती है फिर भी वो कोर प्रोडक्ट को नहीं छोडती, सब जानते है एन डी ऐ के शासन में बीजेपी का झंडा और एन डी ऐ का अजेंडे जैसे कुतर्क जा दिए गए थे, स्वामी परमहंस जी का शिला दान अयोध्या में और उनकी बेबसी किसी से नहीं छुपी थी, बीजेपी के कोर मुद्दे जिसमे श्री राम मंदिर भी शामिल है को भूलना ही बीजेपी के कष्टों का कारन है. जब हिन्दुओ शोर्यता और वीरता के मुद्दे पर हिन्दू शक्ति के जिताए मंत्री और  सरकारे, लौह पुरुष श्री अडवाणी जी के ग्रेह्मंत्री होते संघ के चार स्वयंसेवको को न बचा  पाने की कायरता देश ने देखी वो भी बंगलदेश जैसे देश के सामने. तो तभी बीजेपी के ग्राफ के गिरने का सिलसिला शुरू होगया था. बीजेपी इस गुमान से यदि अभी भी बहार नहीं निकली तो भूल जाये २०१४ का चुनाव भी. बीजेपी को अपने कोर मतदाता को भूलना मेहेंगा पड़ा और उसकी छिंटो से संघ भी न बच सका. ठीक १० साल बाद कांग्रेस भी बेहताशा महंगाई बढ़ा कर अपने कोर मतदाता को क्षुक्ष्भ कर रहे है. राजनीती का "क ख ग" मुझे नहीं आता परन्तु जब पार्टी का मूल मतदाता बोलने लायक भी नहीं रहता जैसे के बीजेपी के शासन में कोई भी उस से पूछता की "अरे भाई राम मंदिर कब बन रहा है" तो वो अपने को ठगा सा महसूस करता है उसी प्रकार इस महाभयंकर महंगाई और भ्रष्टाचार में "आम आदमी" से कोई पूछता है की भाई यह हो क्या रहा है तो वो भी आज उसी बीजेपी के टाइम के मतदाता सा ठगा महसूस करता है. बस यह ही राजनीती की पाठशाला. आज कांग्रेस ने अपने कोर मतदाता को नाराज कर लिया है.

बीजेपी भी जान ले की अनुराग ठाकुर जैसे प्रायोजित  "युवा" नेता और श्री राजीव प्रताप रूडी जैसे "प्रवक्ता" ज्यादा माइलेज नहीं देंगे. इस पर पुनर्विचार करे अभी कुछ नहीं बिगड़ा है. व्यक्तिगत रूप से में इन दोनों का आदर करता हूँ.

समझलो की दिन गिने चुने रहेगये है. अब कांग्रेस जबरदस्ती शासन करेगी उसके लिए तैयार होजाओ. यह ४ जून की रात उसी का ट्रेलर थी. जब तक सोनिया गाँधी और उसका  परिवार अपने सभी विदेशी खातो को ठीक नहीं कर लेती या ठिकाने नहीं लगा लेती तब तक तो कम से कम आपको कांग्रेस का हाथ अपनी गाल पर सहेना ही पड़ेगा. कोंग्रेस के ही दिग्गज कहे गए है की "कोंग्रेस की चक्की जब पीसती है तो बड़ा बारीक पीसती है" वो हम १९७५ के आपातकाल में देख भी चुके है. अभी आज मित्रो बारीक पीसना बाकी है, और जो मेरी बात को हंसी में टाल रहे है वो जरा दिल्ली के हस्पतालो में घायल लोगो की हालत देख ले, अभी भी ५००० लोग ग़ुम है ४ जून की रात के बाद उनके घरवालो से पूछो  की कांग्रेस की चक्की बारीक कैसे पीस रही है.
कांग्रेस से लड़ने के लिए हिम्मत तो लेकर आ जाओगे मित्रो परन्तु "कमीनापन"कहा से लाओगे, इसी कांग्रेस के मंत्रियो के  कमीनेपन का शिकार "बाबा राम देव बने" है उस चिठ्ठी से जैसे शांति भूषण बने थे अमर सिंह की सीडी से. भूषण परिवार के लिए अमर सिंह को हायर (आउटसोर्से ) किया था उसी प्रकार संघ परिवार से और बाबा रामदेव से लड़ने के लिए "लल्लू प्रशाद यादव" को हायर (आउटसोर्से) किया गया है. अन्ना के लिए दिग्भर्मित सिंह और अमर सिंह जोड़ी थी बाबा और संघ के लिए दिग्भर्मित सिंह और लल्लू प्रशाद यादव जोड़ी है.

यक्ष प्रशन अभी भी है की तुम कमीनापन कहाँ से लाओगे? 

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